Heisenberg's uncertainty principle in Hindi
Heisenberg's uncertainty principle in Hindi:-इस सिद्धान्त के अनुसार किसी गतिशील कण जैसे इलेक्ट्रान के वेग व् स्थिति का निर्धारण ठीक से ज्ञात नहीं किया जा सकता है।इलेक्ट्रान की तरंग -प्रकृति (wave nature) के कारण उसकी स्थिति का ठीक -ठीक निर्धारण नहीं किया जा सकता है।सन 1927 में जर्मन भौतिकशास्त्री वर्नर हाइजेनबर्ग (warner heisenberg)ने अनिश्चता का सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। उनके अनुसार किसी गतिशील कण के संवेग एवं स्थान का एक ही समय पर परिशुद्धतापूर्वक निर्धारण संभव नहीं।∆x×∆p>_h_4π[∆x]×[∆p]>_h_4πया(∆x).(m∆v)=h_4π, यहाँ ∆x= इलेक्ट्रान के स्थान में अनिश्चता ,∆p= सवेंग में है।तथा h=प्लान्क स्थिरांक । इस सिद्धान्त के अनुसार फोटान कण जो इलेक्ट्रान को देखने में संभव कार्य है ,वह उसकी स्थिति को बदल देता ह, साथ-साथ उसके संवेग में परिवर्तन करता है जब वह इलेक्ट्रान से टकराता है तब। चुकि इसके बिना इलेक्ट्रान को देखना असम्भव है। जो इसमें उच्च ऊर्जा होता है। दैनिक जीवन में इसका कोई अर्थ नहीं क्योंकि यह गतिशील कणो के लिए संभव है। बड़े वस्तुवों पर इसका कोई प्रभाव नहीं।इस स्थिति में इलेक्ट्रान का एक ही समय में स्थति व् संवेग का
निर्धारण असम्भव है।
निर्धारण असम्भव है।
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